Aapne zameer nu ucha kar mittra
Vekhi loka de mehal vi ohde agge chotte ho jange..
ਆਪਣੇ ਜ਼ਮੀਰ ਨੂੰ ਉੱਚਾ ਕਰ ਮਿੱਤਰਾਂ
ਵੇਖੀ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਮਹਿਲ ਵੀ ਓਹਦੇ ਅੱਗੇ ਛੋਟੇ ਹੋ ਜਾਣਗੇ |
Aapne zameer nu ucha kar mittra
Vekhi loka de mehal vi ohde agge chotte ho jange..
ਆਪਣੇ ਜ਼ਮੀਰ ਨੂੰ ਉੱਚਾ ਕਰ ਮਿੱਤਰਾਂ
ਵੇਖੀ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਮਹਿਲ ਵੀ ਓਹਦੇ ਅੱਗੇ ਛੋਟੇ ਹੋ ਜਾਣਗੇ |
हर वक्त एक अंजान साया सा, मेरे पास घूमता रहता है..
मेरे दिल से जुडा है वो शायद, मेरी रूह चूमता रहता है..
बताता नहीं है मुझको कुछ, और ना मुझसे कुछ कहता है..
मेरी मर्जी हो या ना हो मगर, शागिर्द बना वो रहता है..
दिन और रात वो बस मेरे, आगोश में पलता रहता है..
मैं चाहुं या फिर ना चाहुं, मेरे साथ वो चलता रहता है..
हर खुशी बांटता है मेरी, हर गम मेरे संग सेहता है..
आखिर साया है ये किसका, ये सवाल जहन में रहता है..
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