pyaar mein mere sabr ka imtehaan to dekho,
vo meree hee baanhon mein so gae kisee aur ke lie rote rote…
प्यार में मेरे सब्र का इम्तेहान तो देखो,
वो मेरी ही बाँहों में सो गए किसी और के लिए रोते रोते…
pyaar mein mere sabr ka imtehaan to dekho,
vo meree hee baanhon mein so gae kisee aur ke lie rote rote…
प्यार में मेरे सब्र का इम्तेहान तो देखो,
वो मेरी ही बाँहों में सो गए किसी और के लिए रोते रोते…
बादशाह अकबर की यह आदत थी कि वह अपने दरबारियों से तरह-तरह के प्रश्न किया करते थे। एक दिन बादशाह ने दरबारियों से प्रश्न किया, “अगर सबकी दाढी में आग लग जाए, जिसमें मैं भी शामिल हूं तो पहले आप किसकी दाढी की आग बुझायेंगे?”
“हुजूर की दाढी की” सभी सभासद एक साथ बोल पड़े।
मगर बीरबल ने कहा – “हुजूर, सबसे पहले मैं अपनी दाढी की आग बुझाऊंगा, फिर किसी और की दाढी की ओर देखूंगा।”
बीरबल के उत्तर से बादशाह बहुत खुश हुए और बोले- “मुझे खुश करने के उद्देश्य से आप सब लोग झूठ बोल रहे थे। सच बात तो यह है कि हर आदमी पहले अपने बारे में सोचता है।”
gumnaam rehan de
jahar na kari
kujh pal thehar sajjna
ishqe de ijhaar na kari
ਗੁੰਮਨਾਮ ਰਹਿਣ ਦੇ
ਜ਼ਾਹਰ ਨਾ ਕਰੀਂ
ਕੁਝ ਪਲ ਠਹਿਰ ਸੱਜਣਾਂ
ਇਸ਼ਕੇ ਦਾ ਇਜ਼ਹਾਰ ਨਾ ਕਰੀ