
Dekhi jawan sahwein baith ke
Tere mukhde chon rabb disda..!!
देशभक्ति कविताएं
1.
हिन्दुस्थान
मुल्क है अपना।
विश्व दरबार में
वो एक सपना।
आसमान में उड़ती
मन की आशा।
लहरों में मचलती
दिल की परिभाषा।
वायु में घूमती
आज़ादी की साँस।
मिटटी में रहती
बलिदान की अहसास।
मेरा देशवासियों
अपना भाई और बहन की समान।
एक आंख में हिन्दू,
दूसरे में मुस्लमान।
प्यार का बंधन
आंधी में भी न टूटा।
हम सब एक है,
फर्क झूठा।
2.
केदार देख के
लगता है
जीते रहु तूफान में
अंतिम समय तक।
गंगा देख के
लगता है
बहते रहु बंधन में
अंतिम साँस तक।
खेत की हरियाली देख के
लगता है
युवा रहु उम्र में
अंतिम यात्रा तक।
थार देख के
लगता है
उड़ते रहु आंधी में
अंतिम कड़ी तक।
हिन्द महासागर देख के
लगता है
घूमते रहु घूर्णी में
अंतिम सूर्यास्त तक।
भारत माता को देख के
लगता है
खिलते रहु उनकी गोद में
अंतिम संस्कार तक।
jism tan pehla hi mar gya c
jadon tu chhad k gai c
hun tan sirf dil vich dhadkan dhadkdi hai
te duji aakh vich vasi tasveer chamkdi hai
ਜਿਸਮ ਤਾਂ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਮਰ ਗਿਆ ਸੀ
ਜਦੋਂ ਤੂੰ ਛੱਡ ਕੇ ਗਈ ਸੀ
ਹੁਣ ਤਾਂ ਸਿਰਫ ਦਿਲ ਵਿਚ ਧੜਕਨ ਧੜਕਦੀ ਏ
ਤੇ ਦੂਜ਼ੀ ਅੱਖ ਵਿੱਚ ਵਸੀ ਤਸਵੀਰ ਚਮਕਦੀ ਏ