Rang roop dekhda reh janda
Kde rooh wal v tak lya kr.
Enjoy Every Movement of life!
Rang roop dekhda reh janda
Kde rooh wal v tak lya kr.
किसान कविता
बूँद बूँद को तरसे जीवन,
बूँद से तड़पा हर किसान
बूँद नही हैं कही यहाँ पर
गद्दी चढ़े बैठे हैवान.
बूँद मिली तो हो वरदान
बूँद से तरसा हैं किसान
बूँद नही तो इस बादल में
देश का डूबा है अभिमान
बूँद से प्यासा हर किसान
बूँद सरकारों का फरमान
बूँद की राजनीति पर देखों
डूब रहा है हर इंसान.
देव चौधरी
