Tera gussa teri nafrat sab jayej e
Kyunki sach eh ke mein tere kabil nahi..!!
ਤੇਰਾ ਗੁੱਸਾ ਤੇਰੀ ਨਫ਼ਰਤ ਸਭ ਜਾਇਜ਼ ਏ
ਕਿਉਂਕਿ ਸੱਚ ਇਹ ਕਿ ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ..!!
Tera gussa teri nafrat sab jayej e
Kyunki sach eh ke mein tere kabil nahi..!!
ਤੇਰਾ ਗੁੱਸਾ ਤੇਰੀ ਨਫ਼ਰਤ ਸਭ ਜਾਇਜ਼ ਏ
ਕਿਉਂਕਿ ਸੱਚ ਇਹ ਕਿ ਮੈਂ ਤੇਰੇ ਕਾਬਿਲ ਨਹੀਂ..!!
Chl theek hai beh tu mai chl da Teri udeek kiti he chl beh tu mai chl tere toh umeed kiti c chl beh tu mai chl da tere naal rehn di udeek kiti c
आग को बुझा देता है क्रोध ।
आग जलते है हवा में, लेकिन चिंगारी में जलता है क्रोध।
……………………………………………
अपना कविता किसी को मत पढ़ाओ।
अगर कोई पढ़ना चाहते है, उसे सच ढूंढ़ने के लिए बताओ।
………………………………………….
जबाब हर बात पे मत दो।
सिर्फ वक्त का इंतज़ार करो।
…………………………………….
जब बन रहे हों, सुनना पड़ता हैं।
जब बन गये हों, लोग सुनने आते हैं।
………………………………………
रिश्ते आसमान की रूप।
आज बारिश, कल धूप।
……………………………………..
बात लहर की तरह।
जनम देती रिश्ते, टूटती भी रिश्ते, सोचो ज़रा।
………………………………………..
मैदान में जितना राजनीती होता है, उससे भी ज्यादा होता है घर पर।
घर का बाप ही बनता है नेता, नेता पैदा भी होता हे घर पर।
……………………………………..
जो तुम्हे पाता है, वो किसी को मत बताओ।
समय में प्रयोग करो, नहीं तो लोग समझेंगे के तुम मुर्ख हो।