
fer ke ni langhi da
sajjna ve sajjan ban ke
sajjan ni thaggi da
Tumne kaha tha hum ek h toh fr ek krdo na .
Kyu hmesha sbkuch bolna padta h kbhi ehsao ko bhi smjho na.
Yu ek h ek h keh kr zindagi kha kat ti h..tum mere ho ye bhi kbhi jtao na..
Chlo aap pass baitho kuch krte h baate ..
Yaad h tumhe ek waqt tha jab tumhare kande pe Kat ti thi meri raate ..
हाथ थाम कर भी तेरा सहारा न मिला
में वो लहर हूँ जिसे किनारा न मिला
मिल गया मुझे जो कुछ भी चाहा मैंने
मिला नहीं तो सिर्फ साथ तुम्हारा न मिला
वैसे तो सितारों से भरा हुआ है आसमान मिला
मगर जो हम ढूंढ़ रहे थे वो सितारा न मिला
कुछ इस तरह से बदली पहर ज़िन्दगी की हमारी
फिर जिसको भी पुकारा वो दुबारा न मिला
एहसास तो हुआ उसे मगर देर बहुत हो गयी
उसने जब ढूँढा तो निशान भी हमारा न मिला
तरुण चौधरी