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Sajjan ni thaggi da || shayari in punjabi 2 lines pic



SAJJAN NI THAGGI DA || SHAYARI IN PUNJABI 2 LINES PIC
Vekh ke dildaara nu muh
fer ke ni langhi da
sajjna ve sajjan ban ke
sajjan ni thaggi da



Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


मिलती नहीं तसल्ली….. किसी और से. || 2 lines Hindi status

*गुजर रही है ये जिंदगी बड़े ही नाज़ुक दौर से ..*
*मिलती नहीं तसल्ली तेरे सिवा किसी और से..*

Title: मिलती नहीं तसल्ली….. किसी और से. || 2 lines Hindi status


Two line avatar collection || Hindi thoughts

धर्म कभी अच्छा या बुरा नहीं होता।

अच्छा या बुरा तो इंसान होता और धर्म को दोषी कहा जाता।

लोकतंत्र सबसे बड़ा ईश्वर है, सबसे बड़ा धर्म भी।

लोगों को लोकतंत्र मानना चाहिए, नहीं तो पूजा करके कुछ मिलेगा नहीं।

….

खुद को देखो- दूसरे को जितना देखोगे, उतना परेशान हो जाओगे। 

खुद को लेकर खुश रहो- तैरते समय मत डुबो पानी में।

अपने में आप, अपने में सब कुछ।

अपने में समृद्धि, भ्रम है दूसरा कुछ।

मेरे पास जब कुछ नहीं था, तब वह मेरे पास आई थी।

अब मेरे पास सब कुछ है, मैं उसे क्यों छोड़ के जाऊँ अभी।

वह मुझे छोड़ के चली गई थी, जब कुछ नहीं था मेरे पास।

अब मेरे पास सब कुछ है, वह अब लौटकर आना चाहती है, मैं क्यों उसे आने के लिए बोलूं अपना पास।

ज़िंदगी में कौन जीतते और कौन हारते, इससे मुझे कोई मतलब नहीं।

कौन पूरा रास्ता चल पाए, वह मर्द सही। 

जीतने से और हारने से कुछ विचार नहीं होता। 

जो समय के साथ पूरा रास्ता चल पाए, वह ही विजेता। 

माँ हथनी का बच्चा जब खो जाता है, उसकी जो हालत होती है,

समय का काम जब समय पर नहीं होता, तो मन की स्थिति वैसे होती है।

माँ हथनी का बच्चा जब खो जाता है, उसकी जो हालत होती है,

जब किनारे पर आकर नाव डूब जाती है, तो दिल की स्थिति वैसे होती है।

जो ज्यादा लिखता है, वह ज्यादा बोल नहीं पाता।

जो ज्यादा बोलता है, वह अपना नाम के अलावा कुछ लिख नहीं पाता। 

अगर लिखना है, तो सिर्फ अपना नाम लिखो।

दूसरे का नाम लिखकर अपना समय बर्बाद मत करो।

गलतियां होगीं अगर आप करेंगें काम।  

जो गलती नहीं करता, वह चलना शुरू नहीं किया, वह नाकाम। 

जो मुझे वोट नहीं देता है, उसे मैं सबसे पहले पानी दूँगा- नेता होना चाहिए ऐसा।

लेकिन जो उनको पानी देता है, वह उसे बिलकुल भूल जाता- सोचो वह इंसान कैसा।

मिथ्या से भी भयंकर अप्रिय सत्य।

मिथ्या की सज़ा जेल, लेकिन अप्रिय सत्य की सज़ा फांसी, यह चरम सत्य।

सिर्फ बेवकूफ लोग ही अहंकारी होते हैं।

सबको अगर नीचे रखना हैं तो खुद को ही नीचे जाना पड़ता है।

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