Samundra naal ki mel nadiyaa nehraa da
aithe mul milda ni jigraa bazaara
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿ ਮੇਲ ਨਦੀਆਂ ਨਹਿਰਾਂ ਦਾ
ਐਥੇ ਮੁੱਲ ਮਿਲਦਾ ਨੀ ਜ਼ਿਗਰਾ ਬਜ਼ਾਰਾਂ
✍️ਗਿੱਲ ਗਦਰਾਣੇ ਆਲਾ
Samundra naal ki mel nadiyaa nehraa da
aithe mul milda ni jigraa bazaara
ਸਮੁੰਦਰਾਂ ਨਾਲ ਕਿ ਮੇਲ ਨਦੀਆਂ ਨਹਿਰਾਂ ਦਾ
ਐਥੇ ਮੁੱਲ ਮਿਲਦਾ ਨੀ ਜ਼ਿਗਰਾ ਬਜ਼ਾਰਾਂ
✍️ਗਿੱਲ ਗਦਰਾਣੇ ਆਲਾ
ये साफ सफाई की बात नहीं, कोरोना ने लिखी खत।
इधर उधर थुकना मत।
…………………………………………..
गंगा की गोद में चलती है नाव, मृत शरीर भी।
समय का गोद में खिलती है सभ्यता और जंगली जानवर का अँधा बिस्वास भी।
……………………………………………
बचपन मासूम कली।
फल बनना और बड़ा होना- काला दाग में अशुद्ध कलि।
…………………………………………….
कीचड़ में भी कमल खिलता है।
अच्छे घर में भी बिगड़ा हुआ बच्चा पैदा होते है।
………………………………………………
इंसान का अकाल नहीं, इंसानियत की अकाल है।
डॉक्टर (सेवा) के अकाल नहीं, वैक्सीन (व्यवस्था) का अकाल है।
………………………………………………….
कुत्ते समझते है के कौन इंसान और कौन जानवर है।
बो इंसान को देख के पूंछ हिलाते है और जानवर को देख के भूँकते है।
………………………………………………………
जीविका से प्यारा है जिंदगी।
अगर साँस बंद है तो कैसे समझेंगे रोटी की कमी।
Asi gharo gareeb ho sakde aa
par dil to nahi
ਅਸੀ ਘਰੋ ਗਰੀਬ ਹੋ ਸਕਦੇ ਆ..
ਪਰ ਦਿਲ ਤੋਂ ਨਹੀਂ..❤️
ਹਰਸ✍️