Enjoy Every Movement of life!
Pehla taa dujeya ch hi uljhe rehnde c asi..
Lgda e ajjkl khud naal mulaqat ho rhi e.
ਪਹਿਲਾਂ ਤਾਂ ਦੂਜਿਆਂ ‘ਚ ਉਲਝੇ ਰਹਿੰਦੇ ਸੀ ਅਸੀਂ
ਇੰਝ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਅੱਜਕਲ ਖੁਦ ਨਾਲ ਮੁਲਾਕਾਤ ਹੋ ਰਹੀ ਹੈ
तेरी हंसी मुरझाऐ फुलों को भी फिर से खिला दे,
जब झपकाऐ तु पलकें तो ,सुरज को भी ग्रहण लगा दे,
चाल तेरी ऐसी जैसे लहराती हो पीपल की डाल कोई,
और जब खुली हों तेरी जुल्फें तो काली घटा झा जाऐ!
बोल तेरे ऐसे जैसे जलेबी से चासनी टपक जाऐ,
क्या लिखुं तेरी खुबसुरती को तु है गणित का सवाल कोई!