
Yaad ohnu kar k soyia kar..!!
Shad dukhde sunaune duniya nu
Murshad de gal lag royia kar..!!
Khud nu kar buland inna
ke har takdeer ton pehlan
khuda v puchhe tainu
ke teri takdeer hai ki bandeya
ਖੁਦ ਨੂੰ ਕਰ ਬੁਲੰਦ ਇੰਨਾ
ਕਿ ਹਰ ਤਕਦੀਰ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ
ਖੁਦਾ ਵੀ ਪੁੱਛੇ ਤੈਨੂੰ
ਕਿ ਤੇਰੀ ਮਰਜ਼ੀ ਹੈ ਕੀ ਬੰਦਿਆ
“थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै…
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब…
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।
फासलें अक्सर रिश्तों में…
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने..
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।
हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ…
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने…
अपनापन ही छोड़ दिया है।
याद तो करता हूँ मैं सभी को… और परवाह भी करता हूँ सब की, पर कितनी करता हूँ… बस, बताना छोड़ दिया है।।”