Haal-e-dil || hindi shayari || one sided love
अपना हाल–ऐ–दिल बयां करने निकला तो,
वे कहने लगे एक–तरफा इश्क़ कुछ नहीं होता।
रुस्वाही समझकर,निराश भटकने लगे।।
जनाब को कोई समझाओ….
एक–तरफा इश्क़ में रोज़ दिल टूटते हैं,
आस रहती है, कभी मुड़कर हम्पें नजर पड़े उनकी,
हर रोज़ एक नई कहानी बनती है उनके साथ,
बस ख्यालों में जीते हैं……….
हमारी दास्तां….
बस ये कोरे पन्ने सुनते हैं,
डर है कि किसी रोज़ ये जलकर काले न हो जाएं।।।