nayi dosti || hindi shayari || dosti pyar shayari
Karne gya bazar apni dosti ki khoj
dosti se naraz mile hume kuch dost
humne pucha dost banoge kya?
unhone haste hue kaha bewaqt bin wajah rukoge kya
aakhe ye kehkar nam ho gyi
bin bole humari dosti aarambh ho gyi🌼
करने गया बाज़ार अपनी दोस्त की खोज
दोस्ती से नाराज़ मिले हमें कुछ दोस्त
हमने पूछा दोस्त बनोगे क्या?
उन्होंने हँसते हुए कहा बेवक़्त बिन वजह रुकोगे क्या
आंखें यह कहकर नम हो गई
बिन बोले हमारी दोस्ती आरंभ हो गई🌼