Harshita Mehta (harsh)
Trust one Waheguru ji❤️, don't trust other fake people✌️
MAINU LIKHNE DA || MAA || MOTHER PUNJABI POETRY
ਮੈਨੂੰ ਲਿਖਨੇ ਦਾ ਉਂਝ ਕੁਝ ਖਾਸ ਸ਼ੌਕ ਨਹੀਂ,
ਪਰ ਜਜ਼ਬਾਤ ਪੂਰੇ ਹੋਣ ਤੇ
ਕਲਮ ਆਪੇ ਚਲ ਪੈਂਦੀ ਆ।
ਮੈ ਰੁਲਿ ਹਾਂ
ਹਾੜ ਦੀ ਗਰਮੀ ਚ ਬਹੁਤ,
ਕੋਈ ਤਾਂ ਹੈ
ਜੋ ਛਾਂ ਬਣ ਮੇਰੇ ਪਰਛਾਵੇਂ ਚ ਆ ਵੜ ਬਹਿੰਦਾ ਆ..
ਮੇਰੀ ਬੇਬੇ ਦੀਆਂ ਕੂਕਾਂ ਮੈਨੂੰ ਅੱਜ ਵੀ ਸੁਣਦੀਆਂ,
ਮੈਨੂੰ ਭੀੜ ਚ ਵੀ ਕਿੱਥੇ ਇਕੱਲਾ ਨਹੀਂ ਛੱਡਦੀਆਂ।
ਜਦੋਂ ਸੌਣ ਲੱਗੀ
ਉਹਦੀ ਯਾਦ ਚੰਦਰੀ ਕਲੇਜੇ ਚ ਵੜ ਬਹਿੰਦੀ ਆ।
ਪਰ ਜਜ਼ਬਾਤ ਪੂਰੇ ਹੋਣ ਤੇ
ਕਲਮ ਆਪੇ ਚਲ ਪੈਂਦੀ ਆ।
ਹਰਸ✍️
Adhoor ishq || hindi love poetry || shayari
यह अधूरा इश्क कब पूरा होगा
होगा भी जा अधूरा रहेगा
ना तुम आए ना पैगाम आया
तुम्हरे पैगाम का कब तक
इंतजार रहेगा
कौन सी जगह है वोह
जहा पर वोह सो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया
हम गलियों मै देख आए
ना गलियों मै वोह मिला
हम बात उसकी कर रहे
हमें छोड़ कर जो गया
नाजने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया
हम पहचान बताते हैं उसकी
सफेद रंग और काले घने बाल है।
कहां रहते हैं वोह कोनसे गांव और शहर में
एकेले थे जा कोई नाल है।
काले रंग की पेंट और कमीज़ पहनते है।
एक हाथ मै डायरी और एक हाथ
मे कलम पकड़ कर रखते हैं।
उनकी चाहत सबसे ज्यादा डायरी से
और वोह डायरी को
सिने से जकड़ कर रखते है।
उनका नाम है हर्ष
जो शायरी करते थे
अब तो नाम उनका गुमनाम सा हो गया
ना जाने कौन सी वोह गालियां है
जिस शहर की गलियों में खो गया।