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तू बन दूध सा कोरा , मै बन पत्ती तुझमें मिल जाऊंगी
तू बन इत्र सा मेरा , में हवा बन घुल जाऊंगी
आएगा जो जिक्र तेरा , मै लाली लाके सरमाऊंगी
तू बन के आना बारिश , मै रंगों सी बिखर जाऊंगी।❤️
मायूसी से भरी सुबह्य
बैचैनी मैं शाम होगी
मुस्कुराना छोड़ कर इक गुम सूम सी जान होगी
आगे बढ़ने के चक्कर मैं कितना सारा छोड़ आए हम
अब तन्हा अच्छा लगता है लगता है बड़े हो गए हम।💯