Nikita Garg
मेरा नाम निकिता गर्ग है । मेरा जन्म 24 दिसम्बर 2000 में हुआ । हरियाणा के जिला महेंद्रगढ़ के गाँव नाॅवाॅ में हुआ था। मेरे पिता का नाम रमेश कुमार जो कि वर्तमान में एक छोटे से दुकानदार है और मेरी माता का नाम संतोष देवी है । मेरी माता गृहिणी है ।मेरी आरम्भिक शिक्षा चौथी कक्षा तक महर्षि दयानंद पाठशाला से हुई जो कि सतनाली में स्थित है । पांचवी कक्षा से मैट्रिक तक शिक्षा शिक्षा भारती से हुई जो कि नाॅवाॅ गाँव में स्थित है । ग्यारहवी ओर बाहरहवी कक्षा नाॅवाॅ के सरकारी पाठशाला से हुई। वर्तमान में मैं बीए सतनाली के सरकारी विश्वविद्यालय से कर रही हूँ। मैं 21 साल की हूँ मैं पढ़ाई में औसत तथा मध्यम रही हूँ। मुझे प्रेरणादायक शायरी लिखना पसंद है । मैं एक लेखक हूँ। मेरा लक्ष्य समाज तथा देश के सभी नागरिको को मेरे लेखन के माध्यम से प्रेरणा देना है और एक सफल व्यक्ति बनना है तथा सामाज व देश को सही दिशा का अनुभव करवाना । मैं समाज में रूढ़िवाद धारणा को हटाकर नव विचार धारणा को लाना चाहती हूँ। धन्यवाद।Shayri इंसान का महत्व नहीं,बल्की उसके अच्छे स्वभाव का होता है। Nikita Garg
Andhera || hindi motivational shayari
Andhera mit ta nhi mitana padta hai
Bujhe chirag ko fir se jalana padhta hai
Andhera mitane ke liye nazriya badalna padega
Bas nazriya badal do bujha chirag fir se jal jayega..
अंधेरा मिटता नहीं! मिटाना पडता है!
बुझे चिराग को फिर से जलाना पड़ता है।
अंधेरा मिटाना के लिए नज़रिया बदलना पड़ेगा।
बस नज़रिया बदल दो बुझा चिराग फिर से जल जाएगा