Nikhil Kumar
Shayar sometimes but more often
Visit moneylok.com to learn about money
Shayar sometimes but more often
एक शक्स यूं मुस्कुराए बैठा है,,
जैसे अपनी हंसी के पीछे बोहत से गम छिपाएं बैठा है…
कहीं कोई पूछ ले हाल उसका तो रो ना दे वो,,
इसीलिए वो अपनी नज़रे यूं झुकाएं बैठा है…
एक शक्स यूं मुस्कुराए बैठा है ।।🥀
Shayar sometimes but more often