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Sukhmanika Kamboj

Tu jaandi ni menu ||hindi punjabi shayari

तू जांदी नी मेनू…

हाय…

याद तेरे हाथ दी हर इक लकीर

तेरे हाथ ते लिखी हर तकदीर

तेरे नाल घूमे राह

मीनू याद तेरा हर साह

तेरे बुल…तेरी बोली

तेरियां अखां.. तेरी तकनी..

तेरे दंद..तेरा हस्सा

तू..तेरी खुशबू

तेरा चेहरा…ते चन्न

मैनू याद आ सब

याद है वो भी… जो बताया नही तूने

याद है वो भी….जो जताया नहीं तूने..

मेरे आस पास होना और हमेशा रहने की चाह…

मुझे याद है तेरे दिल से निकली हर राह..

तेरी राहों पर चलने वाली मै अकेली बनना चाहती थी..

तुझे ढूंढते ढूंढते.. मै खुद तुझमे खोना चाहती थी..

पा कर भी सुकून नहीं था… सुकून मिल कर भी सुकून नहीं था.. तुझे पाना सुकून नहीं था… मै तो तू बनना चाहती थी….

जेह मेनू मिलदा नी तू..

एम फेर वी तेनु जांदी हुंदी..

तेरे हत्था नू फड के लकीरा दा राज पूछदी हुंदी….

तेरे गले लग के तेरे हाल पूछदी हुंदी..

तेरे नाल घुम घुम के….फुलां दे ना पूछदी हुंदी..

जेह मेनू मिल्दा नी तू.. एम फेर वी तेनु जांदी हुंदी..

जन के सब कुछ…मै अंजन बंदी हुंदी…

बार बार इको ही सवाल पूछदी हुंदी…

तेनु ना कर के ओही काम करदी हुंदी…

तेनु जो रंग पसनद.. मै ओह रंग च फबड़ी हुंदी…

तेनु पसंद जो धंग.. उस धंग.. सजना साजन मै सजदी हुंदीतू जांदी नी मेनू…

हाये…

हां.. मै जांदी आ…. तू पुछ के तां वेख…. तेरे स्वाला दा जवाब म जांदी आ .. तेरे फुलां दा ना मै जांदी आ… सब जांदी आ मै…. पर पुछना पसंद आ मेनू… जो जांदी आ… ओह वी पुछना पसंद आ… सवाल ख़त्म हो गए तां…. जो पता ओह वी पुछना आ मैनू…. सब कुछ तैथो पुछना आ‌ मैनू… तेरे अलवा किसी तीजे दा ना वी पसंद मेनू

मै जंदी अउ तेनु..

हां…… मै जांदी आ

ते बस तेनु..

हां…… म जांदी आ

Sukhmanika Kamboj