Skip to content

VISHESH

एक शायर जो दिल के गुबार को कागज़ पर उतारता है

Khwahish

घूँट भर ख़्वाहिश नहीं है

मैं समंदर चाहता हूँ

लूट लो तुम ये हवाएँ

मैं बवंडर चाहता हूँ

  • – Vishakt ki Kalam se

VISHESH

एक शायर जो दिल के गुबार को कागज़ पर उतारता है