awesome shayari
Pedh ka ek || Awesome hindi shayari || kavita
एक पत्ता पेड़ का एक पत्ता गिर के यह कह गया, कि मेरी ज़िन्दगी ख़तम है,यह कहकर वह बह गया!! बेहता बेहता पंहुचा वह एक किनारे पर, जहाँ हज़ारों चींटियां बैठी थी अपने निशाने पर, हमेशा राशन इक्कट्ठा करती थी वह, मगर आज इस कश्मकश में थी, कि अचानक यह कौन आया उनके सिराहने पर!! एक लहर ऐसी आई जिससे वह पत्ता बह गया एक और किनारे पर, वहां उसे एक मकड़ी मिली जो कह रही इशारे से अगर तुम गिरे न होते पेड़ से तो क्यों भटकते इस तरह वीराने से!!!! Sunee#zindagiterenaam.com