Skip to content

Inspirational poetry

तू चलता चल ऐ बंदेया ! || Hindi poetry || inspirational poetry

तू चलता चल ऐ बंदेया 
माना मुश्किल , है सफ़र 
पर जब साथ हो कोई हमदर्द 
तो किस बात का डर 
तू चलता चल ऐ बंदेया….
बपिस मुड़ना अब यहाँ से 
माना है , जिस राह पर तू चला है 
रुक , ठहर , खुद से खुद की लिए इजाज़त माँग,
फिरसे खड़कर , द्रिड होकर, चट्टान सा बनकर 
तू चलता चल ऐ बंदेया…
तुझे रखना पड़ेगा खुद को प्रत्येक रूप से तयार
क्यूँकि इस संसार में ना रख सकते प्यार का , ना यार का ऐतबार
पर मुश्किल समय में ग़ैरों का हौंसला ज़रूर  बनना मेरे यार 
यहाँ आजकल कोन आता है छोड़कर अपना घर व्यापार
तू बुलंदियाँ छूता चल ऐ बंदेया ,तू चलता चल ऐ बंदेया ,
तू चलता चल ऐ बंदेया…….।