jab tak na lage bevaphaee kee thokar,
har kisee ko apanee pasand pe naajh hota hai..
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है..
Well done is better than well said
jab tak na lage bevaphaee kee thokar,
har kisee ko apanee pasand pe naajh hota hai..
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,
हर किसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है..
Gamma di raat aai
mere dil te chhayea khup hanera
oh ajhe v ruse baithe ne
jinna nu asi manayea bathera
ਗਮਾਂ ਦੀ ਰਾਤ ਆਈ
ਮੇਰੇ ਦਿਲ ਤੇ ਛਾਇਆ ਖੁਪ ਹਨੇਰਾ
ਉਹ ਅਜੇ ਵੀ ਰੁਸੇ ਬੈਠੇ ਨੇ
ਜਿੰਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਸੀਂ ਮਨਾਇਆ ਬਥੇਰਾ