जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है
वो जो खेतों की मेड़ो पर उदास बैठे हैं
उन्हीं की आंखों में अबतक ईमान बाकी है
बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर
किसी का घर गिरवी है और किसी का लगान बाकी है
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है
वो जो खेतों की मेड़ो पर उदास बैठे हैं
उन्हीं की आंखों में अबतक ईमान बाकी है
बादलों अब तो बरस जाओ सूखी जमीनों पर
किसी का घर गिरवी है और किसी का लगान बाकी है
ज़िन्दगी सीधे साधे चलना ठीक नही
उबड़ खाबड़ पड़ाव भी जरूरी है,
तैरते तैरते बाजू थक जाएंगे
एक पल के लिए नाव भी जरूरी है,
बदलाव भी जरूरी
ये घाव भी जरूरी है,
इतनी धूप अच्छी नेही
थोड़ी छांव भी जरूरी है..!
हद-ए-शहर से निकली तो,
गांव-गांव चली..
कुछ यादें मेरे संग,
पांव-पांव चली..!
सफर जो धूप का किया तो,
तजुर्बा हुआ..
वो ज़िन्दगी ही क्या जो,
छांव-छांव चली..!!
Eh raat te hanera sdaa rehna e
hanjuaan ne v vehnde rehna e
kise maseya ch chann di udeek vich
taanwa taanwa taara vi tuttda rehna hai
ਇਹ ਰਾਤ ਤੇ ਹਨੇਰਾ ਸਦਾ ਰਹਿਣਾ ਐ
ਹੰਝੂਆਂ ਨੇ ਵੀ ਵਹਿੰਦੇ ਰਹਿਣਾ ਐ
ਕਿਸੇ ਮੱਸਿਆ ‘ਚ ਚੰਨ ਦੀ ਉਡੀਕ ਵਿੱਚ
ਟਾਂਵਾ ਟਾਂਵਾ ਤਾਰਾ ਵੀ ਟੁਟਦਾ ਰਹਿਣਾ ਐ