तबाहियो😬 का दौर 🤟है साहब
शांति 🤫की उम्मीद😁 हमसे ना रखो ❌❌
Enjoy Every Movement of life!
तबाहियो😬 का दौर 🤟है साहब
शांति 🤫की उम्मीद😁 हमसे ना रखो ❌❌
उसे जाते हुये मैंने रोका बहोत था
ये दिल अपनी सफाई मे चीखा बहोत था ,
जिस शफ मे खड़े थे हम अपनी सच्चाई लेके
उसमे झूठ बिका बहोत था ।
मैं थक गया था अपनी सफाई देके
पर रकीब का फसाना भरी बहोत था ।
……….अजय महायच .
tere husn ko parde kee zarurat hee kya hai,
kaun hosh mein rahata hai tujhe dekhane ke baad…
तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत ही क्या है,
कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद… 💖💖