Ishq karda e par
Izhaar karda vi nahi😒..!!
Nasha rakhda e mera
Hora te marda vi nahi😘..!!
Aap karda e gussa
Mera jarda vi nahi😏..!!
Ohne russna vi e
Ohda sarda vi nahi🥰..!!
ਇਸ਼ਕ ਕਰਦਾ ਏ ਪਰ
ਇਜ਼ਹਾਰ ਕਰਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ😒..!!
ਨਸ਼ਾ ਰੱਖਦਾ ਏ ਮੇਰਾ
ਹੋਰਾਂ ‘ਤੇ ਮਰਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ😘..!!
ਆਪ ਕਰਦਾ ਏ ਗੁੱਸਾ
ਮੇਰਾ ਜਰਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ😏..!!
ਉਹਨੇ ਰੁੱਸਣਾ ਵੀ ਏ
ਉਹਦਾ ਸਰਦਾ ਵੀ ਨਹੀਂ🥰..!!
इस जीवन से जुड़ा एक सवाल है हमारा~
क्या हमें फिर से कभी मिलेगा ये दोबारा?
समंदर में तैरती कश्ती को मिल जाता है किनारा~
क्या हम भी पा सकेंगे अपनी लक्ष्य का किनारा?
जिस तरह पत्तों का शाखा है जीवन भर का सहारा~
क्या उसी तरह मेरा भी होगा इस जहां में कोई प्यारा?
हम एक छोटी सी उदासी से पा लेते हैं डर का अंधियारा~
गरीब कैसे सैकड़ों गालियां खा कर भी कर लेतें है गुजारा ?
जिस तरह आसमान मे रह जाते सूरज और चांद-तारा ~
क्या उस तरह रह पाएगा हमारी दोस्ती का सहारा ?
जैसे हमेशा चलती रहती है नदियों का धारा~
क्या हम भी चल सकेंगे अपनी राह की धारा ?