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tarse jeevan || किसान कविता

बूँद बूँद को तरसे जीवन,
बूँद से तड़पा हर किसान
बूँद नही हैं कही यहाँ पर
गद्दी चढ़े बैठे हैवान.
बूँद मिली तो हो वरदान
बूँद से तरसा हैं किसान
बूँद नही तो इस बादल में
देश का डूबा है अभिमान
बूँद से प्यासा हर किसान
बूँद सरकारों का फरमान
बूँद की राजनीति पर देखों
डूब रहा है हर इंसान.

           तरुण चौधरी  

Title: tarse jeevan || किसान कविता

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Patriotic Poems || hindi desh prem poems

देशभक्ति कविताएं

1.
हिन्दुस्थान
मुल्क है अपना।
विश्व दरबार में
वो एक सपना।

आसमान में उड़ती
मन की आशा।
लहरों में मचलती
दिल की परिभाषा।

वायु में घूमती
आज़ादी की साँस।
मिटटी में रहती
बलिदान की अहसास।

मेरा देशवासियों
अपना भाई और बहन की समान।
एक आंख में हिन्दू,
दूसरे में मुस्लमान।

प्यार का बंधन
आंधी में भी न टूटा।
हम सब एक है,
फर्क झूठा।

2.
केदार देख के
लगता है
जीते रहु तूफान में
अंतिम समय तक।

गंगा देख के
लगता है
बहते रहु बंधन में
अंतिम साँस तक।

खेत की हरियाली देख के
लगता है
युवा रहु उम्र में
अंतिम यात्रा तक।

थार देख के
लगता है
उड़ते रहु आंधी में
अंतिम कड़ी तक।

हिन्द महासागर देख के
लगता है
घूमते रहु घूर्णी में
अंतिम सूर्यास्त तक।

भारत माता को देख के
लगता है
खिलते रहु उनकी गोद में
अंतिम संस्कार तक।

Title: Patriotic Poems || hindi desh prem poems


AZEEB RANG

ajeeb duniyaa de ajeeb rang patharan de vichon fulaan nu khirde vekhiya te fulaan varge kai dilaan nu me pathar bande vekhiyaa

ajeeb duniyaa de ajeeb rang
patharan de vichon fulaan nu khirde vekhiya
te fulaan varge kai dilaan nu me pathar bande vekhiyaa