Tere dite dukh laghde pyaare
kat laage sajhna bas ik yaad de sahare
ਤੇਰੇ ਦਿੱਤੇ ਦੁਖ ਲੱਗਦੇ ਪਿਆਰੇ
ਕੱਟ ਲਾਂ ਗੇ ਸੱਜਣਾ ਬੱਸ ਇਕ ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਦੇ ਸਹਾਰੇ
Tere dite dukh laghde pyaare
kat laage sajhna bas ik yaad de sahare
ਤੇਰੇ ਦਿੱਤੇ ਦੁਖ ਲੱਗਦੇ ਪਿਆਰੇ
ਕੱਟ ਲਾਂ ਗੇ ਸੱਜਣਾ ਬੱਸ ਇਕ ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਦੇ ਸਹਾਰੇ
एक रात जब दरवाजे पर दस्तक हुई, तो लगा कोई आया होगा..
आख़िर देर रात ये है कौन। कहीं कोई बुरी खबर तो ना लाया होगा..?
बिस्तर से उठा घबराहट के साथ, रात ताला भी तो लगाया होगा..
चाबी ना जाने कहां रख दी मैंने, ऐसा होगा, रात दिमाग में ना आया होगा..
चाबी लेकर दौड़ा दरवाजे की ओर, दरवाजा तो खोलू, शायद कोई घबराया होगा..
दरवाज़ा खोला कोई नहीं था, ये कोई मज़ाक का वक़्त है, जो दरवाज़ा खटखटाया
होगा..
ना जाने कौन था ये, जो इतनी रात गऐ मेरे दर पे आया होगा..?
पूरी रात निकल गई सोचने में, ये मेरा वहम था, या सच में कोई आया होगा..
Ishq dhera mere andhar kita
Bhar ke jehar pyaala me peeta
jhabde aawi ve tabiba(doctor), nahi te me mar gaiaa
Tere ishq nachayeaa kar thaiaa thaiaa
ਇਸ਼ਕ ਡੇਰਾ ਮੇਰੇ ਅੰਦਰ ਕੀਤਾ,
ਭਰ ਕੇ ਜ਼ਹਿਰ ਪਿਆਲਾ ਮੈਂ ਪੀਤਾ,
ਝਬਦੇ ਆਵੀਂ ਵੇ ਤਬੀਬਾ ਨਹੀਂ ਤੇ ਮੈਂ ਮਰ ਗਈਆਂ
ਤੇਰੇ ਇਸ਼ਕ ਨਚਾਇਆ ਕਰ ਥਈਆ ਥਈਆ
.. bulleh shah