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tere naal arath meri zindagi da || Love shayari

ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਐ ਅਰਥ ਮੇਰੀ ਜਿੰਦਗੀ ਦੇ
ਤੇਰੇ ਬਿਨਾ ਜਿਉਦੀ ਮੈਂ ਲਾਸ਼ ਮਿੱਠੀਏ
ਜਨਮ ਲੈ ਕੇ ਸਿਰਫ ਮੇਰੇ ਲਈ ਆਉਣਾ ਸੀ ਤੂੰ ਧਰਤੀ ਤੇ
ਇੱਕ ਪਲ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਨਾ ਪਾਸੇ ਹੁੰਦੀ ਤੂੰ ਕਾਸ਼ ਮਿੱਠੀਏ
ਇਸ ਜਨਮ ਤਾਂ ਇਕੱਠੇ ਅਸੀ ਨਹੀ ਹੋਏ
ਮਿਲਾਗੇ ਅਗਲੇ ਜਨਮ ਮੈਨੂੰ ਪੂਰੀ ਆਸ ਮਿੱਠੀਏ
ਆਜਾ ਪ੍ਰੀਤ ਆ ਕੇ ਮਿਲਜਾ ਤੂੰ ਮੈਨੂੰ ਖੰਡ ਬਣਕੇ
ਕਿਤੇ ਤੇਰਾ ਗੁਰਲਾਲ ਨਾ ਛੱਡ ਜੇ ਸਵਾਸ ਮਿੱਠੀਏ

Title: tere naal arath meri zindagi da || Love shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


काश ज़िंदगी एक किताब होती

काश,जिंदगी सचमुच किताब होती

पढ़ सकता मैं कि आगे क्या होगा? 

क्या पाऊँगा मैं और क्या दिल खोयेगा?

कब थोड़ी खुशी मिलेगी, कब दिल रोयेगा? 

काश जिदंगी सचमुच किताब होती,

फाड़ सकता मैं उन लम्हों को

जिन्होने मुझे रुलाया है.. 

जोड़ता कुछ पन्ने जिनकी यादों ने मुझे हँसाया है… 

खोया और कितना पाया है?

हिसाब तो लगा पाता कितना

काश जिदंगी सचमुच किताब होती,

वक्त से आँखें चुराकर पीछे चला जाता.. 

टूटे सपनों को फिर से अरमानों से सजाता

कुछ पल के लिये मैं भी मुस्कुराता, 

काश, जिदंगी सचमुच किताब होती।

Title: काश ज़िंदगी एक किताब होती


Hindi shayari || Ghazal by Rekhta Pataulvi

महर-ओ- वफ़ा की शमआ जलाते तो बात थी
इंसानियत का पास निभाते तो बात थी
जम्हूरियत की शान बढ़ाते तो बात थी
फ़िरक़ा परस्तियों को मिटाते तो बात थी
जिससे कि दूर होतीं कुदूरत की ज़ुल्मतें
ऐसा कोई चराग़ जलाते तो बात थी
जम्हूरियत का जश्न मुबारक तो है मगर
जम्हूरियत की जान बचाते तो बात थी
ज़रदार से यह हाथ मिलाना बजा मगर
नादार को गले से लगाते तो बात थी
बर्बाद होने का तो कोई ग़म नहीं मगर
अपना बनाके मुझको मिटाते तो बात थी
हिंदुस्तान की क़सम ऐ रेख़्ता हूँ ख़ुश
पर मुंसिफ़ी की बात बताते तो बात थी

Title: Hindi shayari || Ghazal by Rekhta Pataulvi