बुझी हुई समा भी जल सकती है
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है
होके मायूस यू ना अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है
Visit moneylok.com to learn about money
बुझी हुई समा भी जल सकती है
तूफानों से कश्ती भी निकल सकती है
होके मायूस यू ना अपने इरादे बदल
तेरी किस्मत कभी भी बदल सकती है
Har roj talashti hu khud ko
Hu shayad mein bhi yahi kahi
Milu gum shayad kisi khayal mein
Khojti hu khud ko khud hi ke swaal mein 🥀
हर रोज तलाशती हू खुद को ,
हू शायद मैं भी यहीं कहीं,
मिलु गुम शायद किसी ख्याल में,
खोजती हु खुद को खुदी के सवाल में,🥀