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तुझसे रु-बरू होकर भी अपना, हाले-दिल तुझे बताया नहीं..
आँखों के आइने मैं तेरा चेहरा था, कभी तुझे जताया नहीं..
प्यार का चश्मा आखों पर था, जानके भी उसे हटाया नहीं..
कई नजरों में एक नजर मेरी भी थी, चाह कर भी तुझे पटाया नहीं..
Waqt ki majbooriyon galtfehmiyo mein fas kar reh gya apna rishta,
Varna kuch waade to agle janmo ke bhi the💔
वक़्त की मजबूरियों-गलतफहमियों में फँस के रह गया अपना रिश्ता,
वरना कुछ वादे तो अगले जनमों के भी थे!💔