Kujh sikhna hi aa te
aakhan nu padhan da hunar sikh,
kyuki har gal dasn lai nahi hundi
ਕੁਝ ਸਿੱਖਣਾ ਹੀ ਆ ਤੇ,
ਅੱਖਾਂ ਨੂੰ ਪੜਨ ਦਾ ਹੁਨਰ ਸਿੱਖ,
ਕਿਉਂਕਿ ਹਰ ਗੱਲ ਦਸੰਨ ਲਈ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੀ |
ये किसने जेल में लाया खाना हाय अल्लाह,
मुजरिम का भी है कोई दीवाना हाय अल्लाह।
ये मज्मा भी मेरे रोने पे बजाता है ताली,
किसको सुनाएं अपना अफ़साना हाय अल्लाह।
अब क्या कि जुर्म किसने की है क़ुसुर है किसका,
अब तो लगा है मुझपर जुर्माना हाय अल्लाह।
मेरी नज़र क्या उस पे है सबकी नज़र मुझ पे है,
पूरा शहर है उसका दीवाना हाय अल्लाह।
वो मुझसे मिलता है रोज़ाना मगर नतीजा ये,
देखो तो लगता है वो बेगाना हाय अल्लाह।
जब भी किसी ने पूछा है धोखा कब मिला फिर तो,
बचपन का याद आए याराना हाय अल्लाह।
शिकवा नहीं है उससे बस दुख ‘अमीम’ इतना है,
क्यों मेरा लौट आया नज़राना हाय अल्लाह