Bikhar Jandi A khushbo jehi
teriyaan yaadan vich
pata ni e kaisa sawan
jo bin mausam varda
ਬਿਖਰ ਜਾਂਦੀ ਆ ਖੁਸ਼ਬੂ ਜੇਹੀ
ਤੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
ਪਤਾ ਨੀ ਏ ਕੈਸਾ ਸਾਵਣ
ਜੋ ਬਿਨ ਮੌਸਮ ਵਰਦਾ
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Bikhar Jandi A khushbo jehi
teriyaan yaadan vich
pata ni e kaisa sawan
jo bin mausam varda
ਬਿਖਰ ਜਾਂਦੀ ਆ ਖੁਸ਼ਬੂ ਜੇਹੀ
ਤੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਵਿੱਚ
ਪਤਾ ਨੀ ਏ ਕੈਸਾ ਸਾਵਣ
ਜੋ ਬਿਨ ਮੌਸਮ ਵਰਦਾ
चुप रह कर, ये क़माल देखने लगा
उस शिकारी का,ज़ाल देखने लगा
उसने कहा, देखो आ गया समंदर
और मैं अपना, रुमाल देखने लगा
पहले उसने मेरा सर रखा,कंधे पर
फिर वो भीगे हुए,गाल देखने लगा
इसको नया इश्क़,मंज़ूर ही कहां है
दिल फिर पुराना,साल देखने लगा
याद आ गए,फिर उसके गाल मुझे
मैं होली में जब,गुलाल देखने लगा
और जब निवाला देकर,ली फोटो
मुस्कुरा के मैं, हड़ताल देखने लगा