Muskura dete hain har dafa tumhe sochkar
Fir sochte hain kya ise hi mohobbat kehte hain..!!
मुस्कुरा देते हैं हर दफ़ा तुम्हे सोचकर
फ़िर सोचते हैं क्या इसे ही मोहोब्बत कहते हैं..!!
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Muskura dete hain har dafa tumhe sochkar
Fir sochte hain kya ise hi mohobbat kehte hain..!!
मुस्कुरा देते हैं हर दफ़ा तुम्हे सोचकर
फ़िर सोचते हैं क्या इसे ही मोहोब्बत कहते हैं..!!
रोक ले जो हौसले मेरे, मेरी कोशिशें इतनी कम नहीं है, छोड़ दूं अपनी मंज़िल डर से तेरे, ए हवा तुझमें अभी इतना दम नहीं है, टकरा ले मुझसे गर हिम्मत है तो, मैं औरों सा नहीं, किसी से कम नहीं...