Ishq taan oh e Jo door reh ke v kita jaye
Jo kol e us nu taan har koi chah lainda e..!!✌
ਇਸ਼ਕ ਤਾਂ ਉਹ ਏ ਜੋ ਦੂਰ ਰਹਿ ਕੇ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਏ
ਜੋ ਕੋਲ ਏ ਉਸ ਨੂੰ ਤਾਂ ਹਰ ਕੋਈ ਚਾਹ ਲੈਂਦਾ ਏ..!!✌
Ishq taan oh e Jo door reh ke v kita jaye
Jo kol e us nu taan har koi chah lainda e..!!✌
ਇਸ਼ਕ ਤਾਂ ਉਹ ਏ ਜੋ ਦੂਰ ਰਹਿ ਕੇ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਏ
ਜੋ ਕੋਲ ਏ ਉਸ ਨੂੰ ਤਾਂ ਹਰ ਕੋਈ ਚਾਹ ਲੈਂਦਾ ਏ..!!✌
इन मजिलों से ज़्यादा मयस्सर कोई नहीं,
मेरे रास्तों से ज़्यादा हमसफर कोई नहीं,
बुझती नहीं अब प्यास इस समंदर से भी,
इस प्यास से ज़्यादा समंदर कोई नहीं…🍂
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
तुम्हारे गुजरे पलों में बेशक मैं नहीं थी
तुम्हारे संग भविष्य की अपेक्षा भी नहीं थी
हां,वर्तमान के कुछ चंद क्षण
साझा करने की ख्वाहिश जरुर थी।
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
देखो, आज फिर उंगलियों ने मेरी
कलम उठाई है
कुछ अनसुनी भावनाओं को संग अपने
समेट लाई है
माना ,मेरे शब्दों ने आहत किया तुम्हें
लेकिन क्या,असल भाव को पहचाना तुमने?
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
उलझ गए तुम निरर्थक शब्दों में
पढ़ा नहीं जो लिखा है कोमल हृदय में
चल दिए छोड़ उसे, तुम अपनी अना में
बंधे थे हम तुम, जिस अनदेखे रिश्ते की डोर में
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।
बीत गए कई बारिश के मौसम
क्या धुले नहीं, जमे धूल मन के?
है अर्जी मेरी चले आओ तुम
मेरे भीतर के तम को रोशनी दिखाओ तुम..
याद है ना तुम्हें..
पहली दफा,
जब कलम मेरी बोली थी
तुम पर शब्दों की कुछ लड़ियां
मैंने पिरोई थी।