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Umar guzar di bewafa ke || bewafa HIndi story

उम्र सारी गुजर दी बेवफा प्यार में , रातों की नीद कुर्बान कर दी बेवफा प्यार में , हमने की थी मोहब्बत उम्र भर के सुकून के लिए,हालत कुछ यू बदले मेरे अब लगता है क्यूं गुजर दी हमने उम्र बेवफा प्यार में , अब हाल ऐसा है मेरा दिल में दर्द , आखों में आशू हाथ में ग्लास शराब का, जब बढ़ जाता है दिल में आलम तनाहियो का हाथों में होती है ग्लास शराब की, महफिलों में जब उठती है बेफायी की बाते उन बातो में जिक्र तेरी बेवफाई का होता जरूर है , कहते है सब की बांदा तो था काम का कर दिया खराब इश्क ने , क्यू गुजर दी हमने उम्र बेवफा प्यार में ।
सबने रोका था की मत करना ये दोस्त तू मोहब्बत यह मिलती वफा के बदले बेवफाई हमने न मानी बात किसी की करली मोहब्बत तुझ सनम हरजाई से , क्यू गुजर दी हमने उम्र बेवफा प्यार में । गम के सिवा कुछ न मिला ये दोस्त तेरी मोहब्बत में , अब रही नही हिम्मत अब और गम सहने की कर रहे कुर्बा खुद को बेवफा प्यार में , जब जनाजा निकले गा तेरी गली से मेरे महबूब आखों में आशू तेरे होगा जरूर , क्यू कर दी बेवफाई सोचे गी जरूर, जब भी तू सोएगी किसी गैर की बाहों में क्यूं की बेवफाई सोचे गी जरूर , मेरे मरने के बाद सब की जुबा पे होगा मेरा नाम हर जगह चर्चा होगा तेरी बेवफाई का कैसे एक आशिक ने उम्र गुजर दी बेवफा प्यार में ।

Title: Umar guzar di bewafa ke || bewafa HIndi story

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


koee rooh ka talabagaar || True Shayari searching for love

koee rooh ka talabagaar mile to ham bhee mahobbat kar le,
yahaan dil to bahut milate hai, bas koee dil se nahin milata…

कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले,
यहाँ दिल तो बहुत मिलते है, बस कोई दिल से नहीं मिलता…

Title: koee rooh ka talabagaar || True Shayari searching for love


Marham lagaa dard kam hua

“मरहम लगा, दर्द कम हुआ, निशान फिर भी रह गए..

चुकाया दाम हकीमा को, एहसान फिर भी रह गए..

ये जख्मी दिल जा बैठा, दवा लगाने वाली की गोद में..

कमबख्त शादी की, ना जानवर बने, ना इंसान ही रह गए…।”

Title: Marham lagaa dard kam hua