जिसने भी किया है कुछ बड़ा वो कभी किसी से नहीं डराI
अगर आप खुद ही खुद पर भरोशा नहीं करोगे तो कोई और क्यों और करेगा I”
कठोर परिश्रम कभी भी विफल नहीं होता ।”
उम्मीद और विश्वास का छोटा सा बीज, खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है ।”
जिसने भी किया है कुछ बड़ा वो कभी किसी से नहीं डराI
अगर आप खुद ही खुद पर भरोशा नहीं करोगे तो कोई और क्यों और करेगा I”
कठोर परिश्रम कभी भी विफल नहीं होता ।”
उम्मीद और विश्वास का छोटा सा बीज, खुशियों के विशाल फलों से बेहतर और शक्तिशाली है ।”
आओ सुनाओ अपने जीवन की कथा
नाम है पेड़ दूर करता हूं सब की व्यथा
कितना विशाल कितना घना हूं
फल और फूलों से लदा हूं
मेरी ही छाया में आकर
तुम अपनी थकान मिटाते हो
मीठे फल और सुंदर फूल
तुम मुझसे ही ले जाते हो
दूषित हवा तुम मुझको देकर
खुद प्राणवायु मुझसे पाते हो
अपने ही जीवन के आधार पर
तुम कुल्हाड़ी जब बरसाते हो
मुझसे ही मेरा सब कुछ लेकर
तुम दर्द मुझे दे जाते हो
देता हूं बारिश का पानी
हरियाली मुझसे पाते हो
करता हूं इतने उपकार
फिर भी सहता तुम्हारे अत्याचार