
Bull utawle rehnde c khush hone nu..!!
Kahde ishq de paindde nu pair pye
Hun fad bethe haan umran de rone nu..!!
हालातों से टकराकर हमने, खुद को मजबूत बनाया है..
तभी तो हर दर्द से लड़ने का, हुनर हम में आया है..
पहले डरा करते थे दर्द से हम, अब दर्द को हमने डराया है..
पहले रहता था, ताव में वो, अब जाकर घुटनों पे आया है..
अब नहीं सताता वो हमको, हमने खुदको इतना सताया है..
हम पत्थर बनकर बैठे गए, पत्थरों से कौन लड पाया है….
वो खुद भूखा रहकर तुम्हारा पेट सींच रहा है,
देखो आज,
चेहरे पर मुस्कान लिए भीगी पलकें मीच रहा है,
दो वक्त की रोटी, रोटी देने वालों को नसीब नहीं,
वो कौनसा तुम्हारी भारी जेबों से नोट खीच रहा है....
थोड़ी खुशियां उनकी झोली में भी नसीब हो,
आज दूर है कल वापस मिट्टी के करीब हो,
इक सैलाब ने खूब कोहराम मचाया,
ऐसा ना हो के दूसरा भी करीब हो...