Auron ko dekhte the vo khuleaam bich bazar mein
Na Jane humein chupke se dekhna unhe kyu aschaa lgta tha..!!
औरों को देखते थे वो खुलेआम बीच बाज़ार में
न जाने हमें चुपके से देखना उन्हें क्यों अच्छा लगता था..!!
Visit moneylok.com to learn about money
Auron ko dekhte the vo khuleaam bich bazar mein
Na Jane humein chupke se dekhna unhe kyu aschaa lgta tha..!!
औरों को देखते थे वो खुलेआम बीच बाज़ार में
न जाने हमें चुपके से देखना उन्हें क्यों अच्छा लगता था..!!
पसंद था जो फूल फिर खिल जाए,
ये जरूरी तो नहीं...
उदासी दूर करने के लिए कोई साथ हो,
ये जरूरी तो नहीं...
जरूरी है कुछ ऐसा करो के,
हर रूह मुस्कुराती रहे...
हर किस्से को मंजिल मिल जाए,
ये जरूरी तो नहीं...