उसे जाते हुये मैंने रोका बहोत था
ये दिल अपनी सफाई मे चीखा बहोत था ,
जिस शफ मे खड़े थे हम अपनी सच्चाई लेके
उसमे झूठ बिका बहोत था ।
मैं थक गया था अपनी सफाई देके
पर रकीब का फसाना भरी बहोत था ।
……….अजय महायच .
Enjoy Every Movement of life!
उसे जाते हुये मैंने रोका बहोत था
ये दिल अपनी सफाई मे चीखा बहोत था ,
जिस शफ मे खड़े थे हम अपनी सच्चाई लेके
उसमे झूठ बिका बहोत था ।
मैं थक गया था अपनी सफाई देके
पर रकीब का फसाना भरी बहोत था ।
……….अजय महायच .
Thoda sa chhup chhup kar khud ke liye bhi ji liya karo
koi nahi kahega k thak gaye ho araam karo
थोड़ा सा ..छुप छुप कर खुद के लिये भी जी लिया करो ..
कोई नही कहेगा कि थक गये हो आराम करों..
kinna ajeeb eh meri jindagi da raah nikliyaa
saare jahaan da dard meri jindagi vich likhiaa
jisde naave kiti main puri zindagi
ohi meri chahat ton bekhabar nikliyaa