ना कोई गुनाह किया , ना कोई मुकदमा हुआ..!
ना अदालत सजाई गई, ना कोई दलिले हुई..!
किस किस से मांगे हम गवाही वफ़ा कि !
उसने छोड़ा भरे बाज़ार हमे, ये ज़माना जानता है!
Well done is better than well said
ना कोई गुनाह किया , ना कोई मुकदमा हुआ..!
ना अदालत सजाई गई, ना कोई दलिले हुई..!
किस किस से मांगे हम गवाही वफ़ा कि !
उसने छोड़ा भरे बाज़ार हमे, ये ज़माना जानता है!
Samajh chuke is duniya ko, tu kya mujhe samjhayega
Hum khud mein ek samandar hain, tu kya humein dubayega🙌
समझ चुके इस दुनिया को,तू क्या मुझे समझाएगा
हम खुदमे एक समँदर है,तू क्या मुझे डुबाएगा🙌