Ek pal ki ye baat nahi
Do pal ka ye saath nahi
Kahne ko to zindgi jannat
Se pyari hai…..
Par wo saath hi kiya jis
Mein tera haath nahi…❤️
Ek pal ki ye baat nahi
Do pal ka ye saath nahi
Kahne ko to zindgi jannat
Se pyari hai…..
Par wo saath hi kiya jis
Mein tera haath nahi…❤️
सुना है लोग तुझे आँखें भरकर देखते हैं , है मन में क्या उनके ये तो सवाल कर ।
माना लोगों की फितरत अब अच्छी नहीं , अपनी इज्जत का तू तो ज़रा ख्याल कर ।।
बादस्तूर चलती रही नाराजगी जिंदगी में , वक्त बेवक्त काफिर सा न मेरा हाल कर ।
मेरी आदतों में शूमार है तेरी मोहब्बत का सबब , खुदा का शुक्र मना बेवजह न मलाल कर ।।
बागी मिजाज़ रहा दिल का चाहतों के गुबार में , जिससे कभी मोहब्बत थी उससे अब नफरत भी बेमिसाल कर ।
क्या हुआ जो दुआ भी कुबूल न हुई , हासिल कर अपने दर्द को कुछ तो अब बवाल कर ।।
जो तुम्हे मुझसे थी वो बस जरूरत थी
जो मैने कभी तुमसे की थी वो मेरी मोहब्बत थी
जो तुम्हारी नज़र ने देखा वो महज एक नजरियां था
जो मेरी नजर ने देखा वो मेरी मोहब्बत थी
जो तुमने गुजारी मेरे साथ वो बस वक्त गुजारी थी
जो मैने गुजारी तुम्हारे साथ वो मेरी मोहब्बत थी
ओर जो सिर्फ़ तन्हाई तक सीमित रही वो यार तेरी हदें थी
जिसे सर–ए–आम लिखा मैने वो मेरी मोहब्बत थी।❤️