Skip to content

Vo sath ho to || hindi shayari

कभी थकन के असर का पता नहीं चलता
वो साथ हो तो सफ़र का पता नहीं चलता
वही हुआ कि मैं आँखों में उसकी डूब गया
वो कह रहा था भँवर का पता नहीं चलता
उलझ के रह गया सैलाब कुर्रए-दिल से
नहीं तो दीदा-ए-तर का पता नहीं चलता
उसे भी खिड़कियाँ खोले ज़माना बीत गया
मुझे भी शामो-सहर का पता नहीं चलता
ये मंसबो का इलाक़ा है इसलिए शायद
किसी के नाम से घर का पता नहीं चलता

Title: Vo sath ho to || hindi shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Bhut se logo ka hissa hai

hut se logo ka hissa hai



स्त्री हूं मैं

        स्त्री हूं मैं……

स्त्री हूं मैं मेरा कहां सम्मान होता है

मेरे कपड़ों से मेरा चरित्र भाप लिया जाता है।

अगर जींस या वेस्टर्न ड्रेस पहन लूं मैं

तो मैं बिगड़ी हुई मान ली जाती हूं।

अगर मैं साड़ी भी पहनूं तो भी

उसमे भी खोट नजर आती है।

मेरी साड़ी में भी कमिया ही नजर आती है।

यहां तो एक औरत भी औरत का सम्मान नही करती

एक औरत को दूसरी औरत में भी खोट नजर आती है।

मेरे कपड़ों में कोई कमी नहीं कमी तुम्हारी नज़र में है

मैं कुछ भी पहन लूं तुम्हे कमी नजर आनी ही है।

Title: स्त्री हूं मैं