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Woh raaho ka hamsafar || dost shayari

वो खुशियों की डगर, वो राहों में हमसफ़र,
वो साथी था जाना पहचाना,
दिल हैं उसकी यादों का दीवाना
वो साथ था जाना पहचाना

गम तो कई उसने भी देखे,
पर राहों में चले खुशियों को लेके
दिल चाहता हैं हर दम हम साथ चलें,
पर इस राह में कई काले बादल हैं घने
वो साथ था जाना पहचाना

मेरे आसुओं को था जिसने थामा,
मुझसे ज्यादा मुझको पहचाना
चारों तरफ था घनघोर अँधियारा,
बनकर आया था जीवन में उजियारा
वो साथ था जाना पहचाना

गिन-गिन कर तारे भी गिन जाऊ,
पर उसकी यादों को भुला ना पाऊ
कहता था अक्सर हर दिन हैं मस्ताना,
हर राह में खुशियों का तराना
वो साथ था जाना पहचाना

कहता हैं मुझे भूल जाना,
अपनी यादों में ना बसाना
देना चाहूँ हर ख़ुशी उसे,
इसीलिए, मिटाना चाहूँ दिल से
वो साथ था जाना पहचाना

                     तरुण चौधरी

Title: Woh raaho ka hamsafar || dost shayari

Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Ishq se bharosa uth jayega || sad hindi shayari

Galti se bhi kisi se yeh mat keh dena ki tumhe humse ishq tha
Warna logo ka ishq par se bharosa uth jayega…🖤🖤

गलती से भी किसी से ये मत कह देना की तुम्हे हमसे इश्क़ था
वरना लोगों का इश्क पर से भरोसा उठ जाएगा…🖤🖤

Title: Ishq se bharosa uth jayega || sad hindi shayari


जोरू का गुलाम || akbar birbal story

एक बार की बात है, राजा अकबर व बीरबल दरबार में बैठे कुछ अहम मामलों पर चर्चा कर रहे थे। तभी बीरबल ने अकबर से कहा, “मुझे लगता है कि ज्यादातर पुरुष जोरू के गुलाम होते हैं और अपनी पत्नियों से डर कर रहते हैं।” बीरबल की यह बात राजा को बिल्कुल भी पसंद न आई। उन्होंने इस बात का विरोध किया।. 

इस पर बीरबल भी अपनी बात मनवाने पर अड़ गए। उन्होंने राजा से कहा कि वे अपनी बात को सिद्ध कर सकते हैं। मगर, इसके लिए राजा को प्रजा के बीच एक आदेश जारी करवाना होगा। वह आदेश यह था कि, जिस पुरुष के अपनी पत्नी से डरने की बात सामने आएगी, उसे दरबार में एक मुर्गी जमा करानी होगी। राजा बीरबल की इस बात पर तैयार हो गए।

अगले ही दिन प्रजा के बीच आदेश कराया गया कि अगर यह बात सिद्ध हो जाती है कि कोई पुरुष अपनी पत्नी से डरता है, तो उसे दरबार में आकर बीरबल के पास एक मुर्गी जमा करवानी होगी। फिर क्या था, देखते ही देखते बीरबल के पास ढेरों मुर्गियां इकठ्ठा हो गईं और सैंकड़ों मुर्गियां महल के बगीचे में घूमने लगीं

अब बीरबल राजा के पास पहुंचे और बोले, “महाराज! महल में इतनी मुर्गियां इकट्ठा हो गई हैं कि आप एक मुर्गीखाना खोल सकते हैं, इसलिए अब आप इस आदेश को वापिस ले सकते हैं।” मगर, महाराज ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया और महल में मुर्गियों की संख्या धीरे-धीरे और भी ज्यादा बढ़ने लगी।

इतनी अधिक मुर्गियां महल में जमा हो जाने के बाद भी जब राजा अकबर बीरबल की बात से सहमत नहीं हुए, तो बीरबल ने अपनी बात सिद्ध करने के लिए एक नया उपाय निकाला। एक दिन बीरबल राजा के पास गए और बोले, “महाराज! मैंने सुना है कि पड़ोस के राज्य में एक बहुत की खूबसूरत राजकुमारी रहती है। अगर आप चाहें, तो क्या मैं आपका रिश्ता वहां पक्का कर आऊं?”

यह सुनते ही राजा चौंक उठे और बोले, “बीरबल! तुम ये कैसी बातें कर रहे हो। महल में पहले से ही दो महारानियां मौजूद हैं। अगर उन्हें इस बात की भनक भी लगी, तो मेरी खैर नहीं होगी।”

यह सुनकर बीरबल ने तपाक से जवाब दिया, “चलिए महाराज, फिर तो आप भी मेरे पास दो मुर्गियां जमा करा ही दीजिए।”

राजा बीरबल का ऐसा जवाब सुनकर शरमा गए और उन्होंने अपना आदेश उसी वक्त वापस ले लिया।

Title: जोरू का गुलाम || akbar birbal story