Bhul ja hun mainu tu bhawe yaad rakh
painge bhulekhe tainu
yaad rakh
ਭੁੱਲ ਜਾ ਹੁਣ ਮੈਨੂੰ ਤੂੰ ਭਾਂਵੇ ਯਾਦ ਰੱਖ
ਪੈਣਗੇ ਭੁਲੇਖੇ ਤੈਨੂੰ
ਯਾਦ ਰੱਖ
Bhul ja hun mainu tu bhawe yaad rakh
painge bhulekhe tainu
yaad rakh
ਭੁੱਲ ਜਾ ਹੁਣ ਮੈਨੂੰ ਤੂੰ ਭਾਂਵੇ ਯਾਦ ਰੱਖ
ਪੈਣਗੇ ਭੁਲੇਖੇ ਤੈਨੂੰ
ਯਾਦ ਰੱਖ
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
उठता है तूफान सीने में जब
जहन में सवाल इक आता है
जब जाना ही है दूर तो
क्यों करीब कोई आता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
जिसे देखना भी नही मुनासिब
आंखे बंद कर करीब उसी को पता है
ढूंढ ले खामियां उसकी हजार पर
दिल तो आज भी बेहतर उसी को बताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
सपने देखता है नई दुनिया बसाने के तू
नींद तेरी आज भी वही चुराता है
बेख्याल होने का करले तमसील भले
मिलने का ख्याल तो आज भी सताता है
यादों का इक महल रोज बनता
और ढह जाता है……….
Hamesha tiyaari ‘ch reha karo janaab
mausam te insaan kado badal jaan koi pata nahi
ਹਮੇਸ਼ਾ ਤਿਆਰੀ ‘ਚ ਰਿਹਾ ਕਰੋ ਜਨਾਬ,
ਮੌਸਮ ਤੇ ਇਨਸਾਨ ਕਦੋਂ ਬਦਲ ਜਾਣ ਕੋਈ ਪਤਾ ਨਹੀਂ