Enjoy Every Movement of life!
कभी सोचो वो किस्से,
कभी कहो वो बाते ,
कहना तो है ही,
तो वो दिन आज क्यों नहीं,
आँसुओं से ही सही ,
कह दो वो बाते,
कहना तो है ही,
आँखों की बरसातों से ही सही।
चकना-चूर हुआ मैं ,तूने ही तो आके समेटा था मुझे
सबके बीच डूब रहा था सिर्फ तूने ही तो देखा था मुझसे ,
यादों मे बसर होके जब खुद को मर रहा था
एक तू ही तो थी जिसने रोका था मुझे ।
