मेरे हिस्से आई अब तक कोई सुबह या शाम नही!
मैं उसकी दीवाना हूँ और एक पल को आराम नही!
सुबह सवाली बन जाती है रात डराती है मुझकों!
याद उसे करती हूँ केवल और मुझे कुछ काम नही!!
हर्ष ✍️
Enjoy Every Movement of life!
मेरे हिस्से आई अब तक कोई सुबह या शाम नही!
मैं उसकी दीवाना हूँ और एक पल को आराम नही!
सुबह सवाली बन जाती है रात डराती है मुझकों!
याद उसे करती हूँ केवल और मुझे कुछ काम नही!!
हर्ष ✍️
sir ute chunni leti fabdi c
sach aaka saadgi vich badhi sohni lagdi c
ਸਿਰ ਉੱਤੇ ਚੁੰਨੀ ਲਿੱਤੀ ਫੱਬਦੀ ਸੀ,
ਸੱਚ ਆਖਾ ਸਾਦਗੀ ਵਿੱਚ ਬੜੀ ਸੋਹਣੀ ਲੱਗਦੀ ਸੀ…
