ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
Enjoy Every Movement of life!
ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
Dungha ishq dunghai jiwe khoohan di
Tere naal mohobbat roohan di❤️..!!
ਡੂੰਘਾ ਇਸ਼ਕ ਡੂੰਘਾਈ ਜਿਵੇਂ ਖੂਹਾਂ ਦੀ
ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਮੋਹੁੱਬਤ ਰੂਹਾਂ ਦੀ❤️..!!
Khuda bhi pareshaan hai mere lehje se
mein ansu bhi uski khushi ki dua me Baha deta hu ..🙃
खुदा भी परेशान है मेरे लहज़े से
मैं आँसू भी उसकी खुशी की दुआ में बहा देता हूँ..🙃