ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
Enjoy Every Movement of life!
ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
Isse pahle ki bewafa ho jaye 💔
Kyu n aye dost ham juda ho jaye😓
इससे पहले की बेवफ़ा हो जाये 💔
क्यों ना ए दोस्त हम जुदा हो जाये 😓
कहीं यादों का #मुकाबला हो तो बताना जनाब..
हमारे पास भी किसी की यादें , *बेहिसाब* होती जा रही है…