ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
ये रिश्तों के सिलसिले
इतने अजीब क्यों हैं,
जो हिस्से नसीब में नहीं
वो दिल के करीब क्यों हैं,
ना जाने कैसे लोगों को
मिल जाती है उनकी चाहत,
आख़िर किस से पूछे
हम इतने बदनसीब क्यों हैं।
Jitt ke pyar mein tera sajjna
Eh dil tere ton haar deyan..!!
Zind nu la ke lekhe ishq de
Dil kare tere ton vaar deyan..!!
ਜਿੱਤ ਕੇ ਪਿਆਰ ਮੈਂ ਤੇਰਾ ਸੱਜਣਾ
ਇਹ ਦਿਲ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਹਾਰ ਦਿਆਂ..!!
ਜ਼ਿੰਦ ਨੂੰ ਲਾ ਕੇ ਲੇਖੇ ਇਸ਼ਕ ਦੇ
ਦਿਲ ਕਰੇ ਤੇਰੇ ਤੋਂ ਵਾਰ ਦਿਆਂ..!!
Akhan which laali,Chehre te noor,Tu das tenu ki kavan,Heer ya Hoor ?
ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ ਲਾਲੀ ਚਿਹਰੇ ਤੇ ਨੂਰ, ਤੂੰ ਦੱਸ ਤੈਨੂੰ ਕੀ ਕਹਾਂ ਹੀਰ ਜਾਂ ਹੂਰ?