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Best Punjabi - Hindi Love Poems, Sad Poems, Shayari and English Status


Hazaar baar maaf kiya || shayari from heart sad

हजार बार माफ किया तुमने एक आखिरी दफा भी कर दो ना

दिल वीरान हो गया है तेरे जाने से एसे भर दो ना

 

तेरी खामोशिया पल-पल  मारेगी मुझे

अपना समझ ही फिर अपना कर दो ना

 

लाख बुरा हूँ चाहे मैं

पर हूँ तो तेरा समझो ना ….. एक आखिरी दफा माफ करो दो ना ।

 

 

तुझसे दूर जाऊ भी तो जाऊ कैसे टूजसे मेरी रूह जुड़ गयी है

तुझे नाराज करके मेरी रूह मेरे जिस्म से उड़ गयी  है ,

अपने गले लगा के कह दे की तू मेरी है

तुझे फिर देखने को मेरी आँख तरस गयी है ।

Title: Hazaar baar maaf kiya || shayari from heart sad


Dost || hindi poetry

सर में सौदा भी नहीं दिल में तमन्ना भी नहीं
लेकिन इस तर्क-ए-मोहब्बत का भरोसा भी नहीं
दिल की गिनती न यगानों में न बेगानों में
लेकिन उस जल्वा-गह-ए-नाज़ से उठता भी नहीं
मेहरबानी को मोहब्बत नहीं कहते ऐ दोस्त
आह अब मुझ से तिरी रंजिश-ए-बेजा भी नहीं
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं
आज ग़फ़लत भी उन आँखों में है पहले से सिवा
आज ही ख़ातिर-ए-बीमार शकेबा भी नहीं
बात ये है कि सुकून-ए-दिल-ए-वहशी का मक़ाम
कुंज-ए-ज़िंदाँ भी नहीं वुसअ’त-ए-सहरा भी नहीं
अरे सय्याद हमीं गुल हैं हमीं बुलबुल हैं
तू ने कुछ आह सुना भी नहीं देखा भी नहीं
आह ये मजमा-ए-अहबाब ये बज़्म-ए-ख़ामोश
आज महफ़िल में ‘फ़िराक़’-ए-सुख़न-आरा भी नहीं
ये भी सच है कि मोहब्बत पे नहीं मैं मजबूर
ये भी सच है कि तिरा हुस्न कुछ ऐसा भी नहीं
यूँ तो हंगामे उठाते नहीं दीवाना-ए-इश्क़
मगर ऐ दोस्त कुछ ऐसों का ठिकाना भी नहीं
फ़ितरत-ए-हुस्न तो मा’लूम है तुझ को हमदम
चारा ही क्या है ब-जुज़ सब्र सो होता भी नहीं
मुँह से हम अपने बुरा तो नहीं कहते कि ‘फ़िराक़’
है तिरा दोस्त मगर आदमी अच्छा भी नहीं

Title: Dost || hindi poetry