जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।
Enjoy Every Movement of life!
जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।

Jo hass ke langh jaawe ohi o din sohna ae
fikraa ch na pyaa karo jo hauna so hona aae
ਜੋ ਹੱਸ ਕੇ ਲੰਘ ਜਾਵੇ ਓਹੀ ਓ ਦਿਨ ਸੋਹਣਾ ਏ
ਫਿਕਰਾਂ ਚ ਨਾ ਪਿਆ ਕਰੋ ਜੋ ਹੋਣਾ ਸੋ ਹੋਣਾ ਏ ..