जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।
Well done is better than well said
जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।
Duniya ne bhale hume lakh samjaya hum samjhe tab jab khud usne thukraaya🫤
दुनिया ने भले हमे लाख समझाया हम समझे तब जब खुद उसने ठुकराया🫤
तेरी याद बडी जोरो से आई आज
तू कही मुझे बददुआ तो नही दे रही
हम ख्वाबों में आए होंगे कल रात को तेरे
तू कल रात से ही शोइ नही
कुछ बातो ने याद आके रुलाया आज
तू कही वो बाते किसे और से तो नही कर रही