जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।
All payments will be discontinued from 2nd oct
जमाना किस दिन मेरी बात सुनेगा।
मेरे सवाल कड़ी धूप की रेत में खड़े है।
बिस्तर पे लगे थे उनके भी ज़ख्म भर गए,
जिनके सपने मेरे से दस साल बड़े है।
Jo tumhara hamara ek tha,
Wo samay pyara har ek tha,
Bas ab tumhare paas samay nahi,
Aur hamare paas tum nahi💔
जो तुम्हारा हमारा एक था,
वो समय प्यारा हर एक था,
बस अब तुम्हारे पास समय नहीं,
और हमारे पास तुम नहीं💔
Pachtayi bahot us k darwaze par dastak de kar
dard ki inteha ho gai jab uss ne poocha kon ho tum