Visit moneylok.com to learn about money
खत्म कर चुका खुद को अंदर से
बस बाहर से जालना बाकी है
भीड़ लगी है मजार पर गैरो की ,
बस अपनों का आना बाकी है
जीते जी सबको हसाया बहोत है ,
बस जाते – जाते सबको रुलाया बाकी है ।
याद करके उसे ,रोये बहोत है
जाते जाते उसे रुलाना बाकी है
खवाब देखे थे साथ के उसके कुछ
जाते हुये उन्हे दफनाना बाकी है ।
यू ना रुखसत करो विरानियत से
अभी मेरी अर्थी को सजाना बाकी है ,
यू तो गुजरा हु बहोत बार अंधेरों से
बीएस आखिरी दफा दिल्ल को जलाना बाकी है ।