जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
Enjoy Every Movement of life!
जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
Mohobbat hai ya nasha tha jo bhi tha kmaal tha
Rooh tak utarte utarte jism ko khokhla kar gya🍁
मोहब्बत है या नशा था जो भी था कमाल का था
रूह तक उतारते उतारते जिस्म को खोखला कर गया🍁
Ajh kal kise nu dukh dasn di bajaye,
kalle ro ke man halka kar lainna hi changa
ਅੱਜ ਕੱਲ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਦੁੱਖ ਦੱਸਣ ਦੀ ਬਜਾਏ,
ਕੱਲੇ ਰੋ ਕੇ ਮਨ ਹਲਕਾ ਕਰ ਲੈਣਾ ਹੀ ਚੰਗਾ।।