जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
Enjoy Every Movement of life!
जिन्दगी कहा शुरु कहा खत्म हो जाती हे
जो रोज दिखती वो दिख्ना कम् हो जाती हैं
जिस मा बिना न होती थी बछ्पन की सुबह
उसे वृद्धाश्रम देख आखे नम हो जाति हे
मेरी तकलीफ😢 शायद उस दिन आप समझ पाए🙄
जब आपको आप ही के जैसा कोई मिल जाए😌
शिकायत करते हैं वो के हम बदल गए हैं
अब कैसे बताए उन्हे कि आप ही के रंग में ढल गए हैं🤫
Yaara, saza deta toh bhi seh lete
Dil ki 2 baate hum bhi keh lete
Magar tu toh sath chhod diya
Agar yhi mohobbat hoti to tere bina hum bhi reh lete! 🥀
